पंचकूला कोर्ट से हनीप्रीत को करारा झटका लगा है। कोर्ट ने उसे 6 दिनों के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है। इससे पहले हरियाणा पुलिस ने कोर्ट ने 14 दिंनो के रिमांड की मांग की, पुलिस की मांग का हनीप्रीत के वकीलों ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब कश्मीर में पत्थरबाज पुलिस कर्मियों और सैनिको के खिलाफ साजिश करके उनपर पत्थर मारते है, हिंसा और आगजनी करते है तो उनके ऊपर देशद्रोह का आरोप नई लगाया जाता लेकिन जब डेरा समर्थकों के हाथो में न डंडे थे, न हथियार थे, किसी पुलिस कर्मी को कोई चोट नहीं आयी, उसके बाद भी उन पर फायरिंग की गयी और हनीप्रीत पर देशद्रोह का झूठा केस लगा दिया।
पुलिस का कहना था कि हिंसा के लिए 17 अगस्त को डेरा में ही साजिश की गयी थी और उसमे हनीप्रीत भी शामिल थी, उसके इशारे पर ही पंचकूला में हिंसा भड़की और कई लोगों की जान गयी, इसके आलावा हनीप्रीत 38 दिंनो तक पुलिस की गिरफ्त से भागती रही, हम इनको उन सभी स्थानों पर ले जाएगें जहाँ जहाँ ये रही है, हम इनसे हर आदमी का नाम उगवाएगे जिन्होंने इनकी मदद की है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना जिसके बाद होनेपरेत को 6 दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया। हनीप्रीत पुलिस रिमांड में भेजने का आर्डर सुनकर रोने लगी, उसने दोनों हाथो को जोड़कर कहा कि मै पूरी तरह से निर्दोष हूँ, मै तो कोर्ट में सिर्फ इसलिए गयी थी क्योंकि हमने सोचा था कि फैसले हमारे पक्ष में आएगा और हम जश्न मानते हुए वापिस लोट आयेगे। पिताजी की सजा के बाद मै डिप्रेशन में चली गयी। मेरी जान को भी खतरा था इसलिए में भगति रही और कानून सलाह लेती रही। इसके आलावा मैंने कोई गुनाह नहीं किया।
Related post :-
loading...
पुलिस का कहना था कि हिंसा के लिए 17 अगस्त को डेरा में ही साजिश की गयी थी और उसमे हनीप्रीत भी शामिल थी, उसके इशारे पर ही पंचकूला में हिंसा भड़की और कई लोगों की जान गयी, इसके आलावा हनीप्रीत 38 दिंनो तक पुलिस की गिरफ्त से भागती रही, हम इनको उन सभी स्थानों पर ले जाएगें जहाँ जहाँ ये रही है, हम इनसे हर आदमी का नाम उगवाएगे जिन्होंने इनकी मदद की है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना जिसके बाद होनेपरेत को 6 दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया। हनीप्रीत पुलिस रिमांड में भेजने का आर्डर सुनकर रोने लगी, उसने दोनों हाथो को जोड़कर कहा कि मै पूरी तरह से निर्दोष हूँ, मै तो कोर्ट में सिर्फ इसलिए गयी थी क्योंकि हमने सोचा था कि फैसले हमारे पक्ष में आएगा और हम जश्न मानते हुए वापिस लोट आयेगे। पिताजी की सजा के बाद मै डिप्रेशन में चली गयी। मेरी जान को भी खतरा था इसलिए में भगति रही और कानून सलाह लेती रही। इसके आलावा मैंने कोई गुनाह नहीं किया।
Related post :-
loading...
Comments
Post a Comment