आप के आँखों में आंसूं आ जायेगे साध्वी के इस चिटठी को पढ़कर जो उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री को भेजी थी

महाराज ने मेरे को बाहों में लेते हुए कहा कि हम तुम्हे दिल से चाहते है। मेरे विरोद करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं की हम ही खुदा है।


एक गुमनाम खत से शुरू हुआ मुकदमा 25 अगस्त को गुरमीत राम रहीम के दोषी करार देने के बाद अपने मुकाम पर पहुचने वाला भारत के इतिहास का अनोखा मुकदमा हो गया है।

मई 2002 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर उनकी एक साध्वी ने यौन शोषण का आरोप लगाया। साध्वी ने एक गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री को भेजा जिसकी एक कॉपी पंजाब एव हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई। हाई कोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए दिसंबर 2002 में CBI जांच के आदेश दिए। करीब 5 साल की छानबीन के बाद CBI की जांच में उत्क तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र कर दिया।

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नोट : चिटठी के कुछ अंश बेहद आपत्तिजनक है। 

साध्वी के लिखे हुए पत्र को कॉपी साफ़ नहीं इसलिए हम ने आपके लिए हमने अलग से लिखा है।

सेवा में,

माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी

श्री अटल बिहारी वाजपे यी, भारत सरकार

विषय : डेरे के महाराज द्वारा सैकड़ो लड़कियों से बलात्कार की जांच करे।

श्रीमान जी,

यह है कि मै पंजाब की रहने वाली हूँ और अब पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा, हरियाणा में साधु लड़की के रूप में सेवा कर रही हूँ। मेरे साथ यहां  सैकड़ो लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती है। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है। साथ में डेरे के महाराज गुरमीत राम रहीम सिंह द्वारा योनिक शोषण किया जा रहा है। में बीए पास लड़की हूं। मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु है जिनकी प्रेरणा से में डेरे में साधु बनी थी।

साधु बनने के दो साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की परम शिष्या साधु गुरमीत ने रात के 10 बजे मुझे बताया कि आपको पिता जी ने गुफा में बुलाया है। मै क्योंकि पहली बार वहा जा रही थी, मै बहुत खुश थी। यह जानकार की खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है। गुफा में ऊपर जेक जब मैंने देखा महाराज बीएड पर बैठे थे। हाथ में रिमोट है, शामे टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है। बीएड पर सिरहाने की ओर रिवाल्वर रखा हुआ था। मै ये सब देखकर हैरान रह गई। मुझे चक्कर आने लगे। मेरे पेरो के निचे से जमीं खिसक गई। यह क्या हो रहा है। महाराज ऐसे होंगे? ऐसा मैंने सपने में बी नई सोचा था। महाराज महाराज ने टीवी बंद किया व मुझे साथ बैठकर पानी पिलाया और कहा मैंने तुम्हे अपनी खास प्यारी समझ कर बुलाया है। मेरा यह पहला दिन था। महाराज ने मुझे बाहो में लेते होए खा की हम तुम्हे बहुत चाहते है। तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते है क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक़्त तन-मन-धन सब सतगुरु के नाम करने की कसम खाई थी। तो अब यह तन-मन हमारा है। जब मैंने विरोद किया तो उन्होंने ने कहा कि इसमें कोई शक नई की हम ही खुदा है।

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